Details, Fiction and sidh kunjika
Details, Fiction and sidh kunjika
Blog Article
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
नमस्ते शुंभहंत्र्यै च निशुंभासुरघातिनि ।
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम् ।
Siddha Kunjika Strotam Gains incorporate blessing a single who chants with full devotion with Certainly wonderful well being.
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।
The daughter on the mountain who is comprehensive in herself, who is also flying during the sky, aid me attain mastery more than the chant from the Goddess of Devi Mahatmya/ Saptashati
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।
पाठ मात्रेण संसिद्धयेत् कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य more info विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ